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विकलाँगता, यौनिकता एवं अधिकार: एक ऑनलाइन अध्ययन


11-22 दिसंबर 2023

आवेदन की अंतिम तिथि: नवम्बर 15, 2023

विकलाँगता, यौनिकता और अधिकार अध्ययन के बारे में

नारीवादी आंदोलन में विकलाँगता, खास करके, विकलांग महिलाओं के मुद्दे कहाँ हैं यह सोचना बहुत ज़रूरी है। जब हम समावेशी वातावरण की बात करते हैं और जब हम काम में इंटेरसेक्शनल (intersectional) नजरिया डालने की कोशिश करते हैं ,यह ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है की हम अलग अलग पहचान की महिलाओं के मुद्दों को समझें। इन्ही मुद्दों की जुड़ाव कहाँ हैं ये भी समझना काफी ज़रूरी है। ठीक उसी तरह जब विकलांग महिलाओं की बात करते हैं तब हम क्या सिर्फ उनकी संसाधन तक पहुँच की बात करते हैं या फिर उनकी यौनिकता इन पहुंच को कैसे तय करती है वो भी सोचते हैं? कैसे उनकी यौनिकता उनकी अलग-अलग पहचान से जुड़ी है? विकलांग महिलाओं के मुद्दे, ख़ास करके, उनके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार प्राप्त करने में क्या चुन्नौतियाँ हैं और क्यों हैं? कानून और नीतियां विकलांग महिलाओं के अधिकार को लेकर क्या कहती है?

हम चाहेंगे की आप इस अध्ययन में भाग लें और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक इस मुद्दे की बात को पहुंचाएं।

आयोजक

वर्ष 2000 में स्थापित, क्रिया नई दिल्ली में स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय नारीवादी मानव अधिकार संस्था जो समुदाय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करती है। क्रिया मानव अधिकार आन्दोलनों के विभिन्न भागीदारों के साथ मिलकर महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को आगे बढ़ाने और सभी लोगों की यौनिक और प्रजनन स्वास्थ्य व अधिकारो के मुद्दों पर कार्य करती है। क्रिया राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सकारात्मक सामाजिक बदलाव के लिए पैरवी करती है और कोशिश करती है की एक्टिविस्ट्स और पैरवीकारों को ट्रेनिंग और सीखने के कई तरह के मौके मिले |

मुख्य विषय जिनपर चर्चा होगी

  • विकलाँगता क्या है? विकलाँगता के मॉडल्स।
  • विकलाँगता, यौनिकता, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार
  • विकलाँगता, यौनिकता और जेंडर आधारित हिंसा
  • विकलाँगता, यौनिकता का जुड़ाव जाति, परिवार, विवाह के साथ क्या है
  • अंतर्राष्ट्रीय कानून और राष्ट्रीय नीतियां और कानून (सीईडीएडब्ल्यू, सीआरपीडी, आरपीडी) – नीतियों में अंतराल, कानूनी क्षमता, सहमति और विकलांगता
  • मनोसामाजिक विकलाँगता, मानसिक स्वास्थ्य और इसके प्रतिच्छेदन
  • भाषा और विकलाँगता
  • संस्थाओं के संदर्भ में विकलाँगता परिप्रेक्ष्य के साथ कैसे काम करें?

कार्यक्रम में लगातार जुड़े कुछ प्रशिक्षक

विकलाँगता, यौनिकता और अधिकार अध्ययन में कई मशहूर फैकल्टी जो विकलाँगता पर काम कर रहे हैं, युवा एवं महिला कार्यकर्ता, शोधकर्ता एवं संस्था हेड आदि सेशन लेने में शामिल होंगे। यह अध्ययन ख़ास करके विकलांग महिलाएं नेतृत्व करेंगे। पिछले साल की फैकल्टी:

  • निधि गोयल
  • नंदिनी घोष
  • शम्पा सेनगुप्ता
  • जीजा घोष
  • सौदामिनी पेठे
  • रेशमा वलिअप्पन
  • अपर्णा सन्याल

प्रतिभागी और चुनाव

वह सभी व्यक्ति जो खुद को महिला मानते हैं और संरचनात्मक रूप से हाशियाग्रस्त समूह में शामिल होते हैं और सामाजिक बदलाव के मुद्दों पर कम से कम दो साल से कार्य कर रहे हैं, इस प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं। सभी सत्र और प्रशिक्षण से जुड़े अध्ययन के लिए लेख हिंदी में होंगे | इस प्रशिक्षण के दौरान भी व्यक्तिगत या समूह में पढ़ने की आवश्यकता हो सकती है। अतः सभी प्रतिभागियों को हिंदी में पढ़ना और लिखना आना आवश्यक है |

क्रिया आपसे निवेदन करती है की जल्द से जल्द अपने आवेदन पत्र हमें भेजें | आवेदन पत्र और कार्य अनुभव के आधार पर 25-30 प्रतिभागी चुने जायेंगे। सभी प्रतिभागियों को पूरे कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन उपस्थित रहना पड़ेगा।

प्रशिक्षण शुल्क

यह प्रशिक्षण निःशुल्क है |

तिथि और स्थान

विकलाँगता, यौनिकता और अधिकार अध्ययन 11 से 22 दिसम्बर 2023 तक (3 दिन और 6 घंटे प्रति सप्ताह) किया जाएगा। ये अध्ययन पूरी तरह से ऑनलाइन होगी I

आवेदन

आवेदन पत्र हमें 15 नवम्बर, 2023 तक या उससे पहले पहुँच जाने चाहिए | निर्धारित तिथि के बाद कोई भी आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जायेंगे | केवल चुने हुए प्रतिभागियों को चुनाव की सूचना 21 नवम्बर, 2023 तक भेजी जायेगी | 

विशेष: चयन की प्रक्रिया, प्रतिभागियों के मिल रहे आवेदनों के साथ ही शुरू हो जायेगी । आपसे अनुरोध है की जल्द से जल्द प्रशिक्षण के लिए आवेदन पत्र भेजें ।

एक्सेसिबिलिटी (सरल) उपयोग

इस कॉल के सुलभ संस्करण यहां देखे जा सकते हैं: (पीडीएफ) और (वर्ड)। आवेदक यहाँ (पीडीएफ) और (वर्ड) फॉर्म के सुलभ संस्करण भी पा सकते हैं, जिसे वे डाउनलोड कर, भरकर, स्कैन कर DSROIHindi@creaworld.org पर ईमेल भी कर सकते हैं।